Dream Destination


चल कल्पना की उड़ान लिए, चल कही दूर निकल चले
दुनिया का कोलाहल ना हो, ऐसी एक जगह चले

जहाँ सिर्फ तन्हाईयाँ हो , ऐसी एक जगह चले
जहाँ खुद को पहचान सके, ऐसी एक जगह चले

सिर्फ पक्षियों की चहचहाहट हो, ऐसी एक जगह चले
झरनों की सरसराहट हो, थपेड़ो की कल्कलाहत हो, ऐसी एक जगह चले

टीलो पर अपना आशियाना बने, नीले गगन की चादर हो, ऐसी एक जगह चले
चांदनी से आखे लड़ाए, चाँद को काम्प्लेक्स दे ,ऐसी एक जगह चले

जहाँ न हो कोई जनएनेवाला, न कोई पहचाने वाला, ऐसी एक जगह चले
जहाँ न हो फ़ोन की बीप, न मेल का टिप, ऐसी एक जगह चले

आ ऐसी एक जगह चले

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